भारत में जनगणना संबंधी प्रथम लिखित साक्ष्य है मौर्यकालीन ग्रंथ अर्थशास्त्र' (कौटिल्य ) इसमें मौर्य
प्रशासन द्वारा जन्म-मृत्यु (जनगणना) के आँकड़े रखे जाने के प्रमाण मिलते हैं ।
अबुल फजल द्वारा लिखित 'आइने अकबरी' में भी मुगलकाल में जनगणना के संबंध में उल्लेख मिलता
है।
जनगणना का इतिहास
ऋग्वेद - 800-600 BC
अर्थशास्त्र - 321-296 BC
आईने अकबरी - 1595-96 ई.
प्रथम जनगणना - 1872 ई. (लॉर्ड मेयो के
काल में)
प्रथम व्यवस्थित जनगणना- 1881 ई. (लार्ड रिपन के समय)
स्वतंत्र भारत की प्रथम जनगणना - 1951
जनगणना 2011
भारत की तृतीय सहस्त्राब्दी एवं इक्कीसवीं सदी की
दूसरी जनगणना है।
क्रमानुसार 15वीं जनगणना है।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सातवीं जनगणना है।
भारत में प्रथम जनगणना 1872 ई. में लार्ड मेयो के काल में हुई थी
व्यवस्थित रूप से जनगणना सन् 1881 ई. में लार्ड रिपन के समय प्रारंभ हुई
1891 से देश में हर दस
वर्ष के अन्तराल से जनगणना आयोजित की जाती रही है।
भारत में जनगणना संघ सूची का विषय है जो भारतीय
संविधान की 7वीं अनुसूची के क्र.सं. 69 पर सूचीबद्ध है
जनगणना कार्य केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन जनगणना
विभाग द्वारा किया जाता है,जिसके प्रमुख भारत के महापंजीयक
एवं जनगणना आयुक्त हैं ।
विभिन्न राज्यों व संघ शासित क्षेत्रों में निदेशक, जनगणना कार्य, इस कार्य में सहायता करते
जनगणना कार्य के सुचारु रूप से संचालन हेतु नियम-विनियम
निर्धारित अधिनियम, 1948' पारित किया है। इसी अधिनियम के
तहत् संपूर्ण देश में हर 10 वर्ष में जनगणना कार्य से संबंधित सूचना को 'सूचना के अधिकार अधिनियम' की परिधि से बाहर
रखा गया है।
जनगणना-2011 के प्राप्त नवीनतम
आँकडे
देश की कुल जनसंख्या - 1,21,08,54,977 (121.085 करोड़) हो गई है।
हमारे देश की आबादी 11 मई, 2000 को ही एक अरब को पार कर चुकी थी।
भारत एक अरब की आबादी को पार करने वाला चीन के बाद
विश्व का दूसरा देश है। राजस्थान की जनसंख्या 6,85,48,437 हो गई है।
2011 में राजस्थान
जनसंख्या के आकार के आधार पर देश का 8वाँ बड़ा राज्य हो
गया था परंतु 2 जून, 2014 को आंध्रप्रदेश से
तेलंगाना के पृथक राज्य बन जाने के बाद राजस्थान का देश में स्थान 7वाँ रह गया है।
देश में सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य उत्तरप्रदेश
है।
जनगणना के प्रथम चरण में भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1948 के तहत् राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) बनाया गया। यूनिक
आईडी नम्बर व कार्ड जारी करने के उद्देश्य से इसमें 15 वर्ष से अधिक आयु के देश के समस्त नागरिकों के संबंध में संपूर्ण सूचनाएँ दर्ज
की गई हैं।
जनगणना, 2011 का कार्य 9 से 28 फरवरी, 2011 तक तथा पुनः चक्रण 1 से 5 मार्च, 2011 तक पूर्ण किया गया।
राजस्थान की जनसंख्या 6,85,48,437 हो गई जो कि 2001 की राज्य की जनसंख्या 565.07 लाख से 1,2041,249 अधिक है।
राज्य दशकीय वृद्धि दर 21.31% है
देश की दशकीय वृद्धि दर 17.7% से 3.61% अधिक है।
राज्य में कुल पुरुष आबादी 3.56 करोड़ (51.86%)
राज्य में कुल महिला आबादी 3.30 करोड़ (48.14%) है।
सर्वाधिक जनसंख्या वाले राज्य क्रमशः
1 उत्तरप्रदेश (19.98 करोड़ ) 16.49 % (देश की कुल जनसंख्या का %)
2 महाराष्ट्र (11.24 करोड़),
9.28 %
3 बिहार (1041 करोड़),
8.58 %
4 पं. बंगाल (9.13 करोड़),
7.55 %
5 मध्यप्रदेश (7.26 करोड़) 6 %
6 तमिलनाडु (7.21 करोड़)
5.96 %
7 राजस्थान
5.67 %
जनसंख्या के लिहाज से राजस्थान देश का 7वाँ बड़ा राज्य है। इससे अधिक जनसंख्या केवल 6 राज्यों की है।
सर्वाधिक कुल जनसंख्या वाले जिले
जिला जनसंख्या जनसंख्या%
जयपुर 66.26 9.67%
जोधपुर 36.87 5.38%
अलवर 36.74 5.36 %
नागौर 33.07 4.82%
उदयपुर 30.68 4.48%
2001-2011 के दशक में कुल जनसंख्या में जयपुर जिले
में सर्वाधिक वृद्धि 13.74 लाख की हुई
है तथा न्यूनतम वृद्धि मात्र 1.48 लाख बूंदी
की जनसंख्या में हुई है।
जयपुर की आबादी तीव्र गति से बढ़ रही है
जिसका प्रमुख कारण जयपुर शहर में राज्य के सभी जिलों से आबादी का आव्रजन है।
दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर
2001-2011 के दशक में राज्य की आबादी में 21.31% की दशकीय दर से वृद्धि हुई है। पिछले
दशक 1991-2001
में यह दशकीय वृद्धि दर 28.41% थी।
इस दशक में राज्य की दशकीय वृद्धि दर
में 7.10% की कमी (28.41-21.31) दर्ज हुई है।
सर्वाधिक दशकीय वृद्धि दर वाले जिले - बाड़मेर (32.5%), जैसलमेर (31.8%), जोधपुर (27.7%), बाँसवाड़ा (26.5%), जयपुर एवं
जालौर (26.2%)
न्यूनतम दशकीय वृद्धि दर वाले जिले - गंगानगर (10%), झुंझुनूं (11.7%), पाली (11.9%), बूंदी (15.4%), चित्तौड़गढ़
(16.1%)
इस बार दशकीय वृद्धि दर में राज्य के
सभी जिलों में कमी आई है
दशकीय वृद्धि दर में सर्वाधिक कमी 17.59% श्रीगंगानगर जिले में एवं जैसलमेर जिले में 15.72% हुई है।
गंगानगर में यह दर 27.59% से घटकर केवल 10% रह गई एवं जैसलमेर में 47.52% से घटकर 31.8% रह गई।
राज्य में जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि
दर 1.95% है।
पिछले दशकों की भाँति इस दशक में भी
राज्य के मरुस्थलीय जिलों एवं आदिवासी जिलों में जनसंख्या वृद्धि दर अपेक्षाकृत
अधिक रही है।
राज्य के 25% या अधिक दशकीय वृद्धि दर वाले जिले हैं- बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, जयपुर, जालौर, डूंगरपुर व बाँसवाड़ा।
देश में सर्वाधिक जनसंख्या वृद्धि
(दशकीय) दर वाले पाँच राज्य हैं - मेघालय (27.95%), अरुणाचलप्रदेश (26.03%), बिहार (25.42%), मणिपुर (24.50%) एवं जम्मू-कश्मीर (23.64%) हैं।
2001-2011 के दशक में एकमात्र नागालैण्ड ऐसा राज्य
है जिसमें जनसंख्या की वृद्धि ऋणात्मक (-0.58%) है अर्थात्
यहाँ की जनसंख्या 2011 में 2001 के मुकाबले कम हुई है।
केरल की जनसंख्या वृद्धि दर भी मात्र 4.91% ही है।
राज्य की जनसंख्या 1901 की तुलना में 2011 में 6.6 गुनी से भी अधिक हो गई है।
वर्ष 1901 से 2011 तक राज्य
की जनसंख्या में 566% वृद्धि हुई
है।
1911-21 के दशक में महामारी के कारण तथा 1941-51 के दशक में विभाजन के कारण जनसंख्या में
कमी आई थी।
राज्य में सर्वाधिक वृद्धि दर वाला दशक 1971-81 (32.97%) वृद्धि तथा न्यूनतम वृद्धि दर वाला दशक
(अर्थात् ऋणात्मक वृद्धि दर) 1911-21(-6.29%) रहा।
1911-21 के दशक में न्यूनतम दशकीय वृद्धि दर का
प्रमुख कारण अकाल व महामारी का प्रकोप था।
जनसंख्या घनत्व (Density)
जनसंख्या घनत्व से आशय प्रति 1 वर्ग किमी. में रहने वाले व्यक्तियों की औसत संख्या से है।
राजस्थान में 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या घनत्व 200 प्रति वर्ग किमी. है जो कि 2001 के जनसंख्या घनत्व (165) से 35 अधिक है।
राज्य का प्रति मील जनसंख्या घनत्व 519 व्यक्ति है।
सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व- जयपुर (595), भरतपुर (503), दौसा (476) व अलवर (438) में है।
न्यूनतम जनसंख्या घनत्व- जैसलमेर (17), बीकानेर (78), बाड़मेर (92)
2001-11 के दशक में घनत्व में सर्वाधिक वृद्धि- जयपुर-124 (595-471), दौसा-91 (476-385), भरतपुर-88 (503-415)
2001-11 के दशक में घनत्व में न्यूनतम वृद्धि- जैसलमेर-4 (17-13), बीकानेर-15 (78-63), पाली-17 (164-147)
100 से कम घनत्व वाले जिले- जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर
400 से अधिक घनत्व वाले जिले- जयपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर
राज्य में घनत्व कम होने का प्रमुख कारण
थार का रेगिस्तान व मध्यवर्ती पहाड़ी भाग है।
राज्य के पूर्वी व दक्षिण भाग के जिले
मैदानी व अधिक उपजाऊ होने के कारण अधिक घने बसे हुए हैं तथा पश्चिमी व उत्तरी भाग
के जिलों में रेगिस्तान के कारण घनत्व कम है।
मध्यवर्ती भाग में पहाड़ी क्षेत्र के
कारण जनसंख्या विरल है।
देश में सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाले 5 राज्य हैं- बिहार (1106), पश्चिम बंगाल (1028), केरल (860), उत्तरप्रदेश (829) एवं तमिलनाडु (555) है।
देश में न्यूनतम घनत्व वाले राज्य - अरुणाचलप्रदेश (17) एवं मिजोरम (52) हैं।
लिंगानुपात (Sex Ratio)
लिंगानुपात से तात्पर्य प्रति एक हजार
पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या से है।
जनगणना, 2011 के अनुसार राजस्थान का लिंगानुपात 928 है। यह 1901 से अब तक
का सर्वाधिक लिंगानुपात है।
वर्ष 2001 में राजस्थान का लिंगानुपात 921 था।
सर्वाधिक लिंगानुपात वाले 5 जिले -
डूंगरपुर 994, राजसमंद 990, पाली 987,प्रतापगढ़ 983, बांसवाडा - 980
सबसे कम लिंगानुपात वाले 5 जिले -
धौलपुर 846, जैसलमेर 852,करौली 861,भरतपुर 880,गंगानगर 887
1991 से राज्य का लिंगानुपात लगातार बढ़ रहा है।
वर्ष 1921 में राज्य का लिंगानुपात अब तक का सबसे कम मात्र 896 था।
लिंगानुपात में सर्वाधिक गिरावट क्रमश - डूंगरपुर जिले में 28 बिंदु (1022 के स्थान
पर 994) व उदयपुर में 13 बिंदु (971 के स्थान
पर 958) दर्ज की गई।
लिंगानुपात में सर्वाधिक वृद्धि क्रमश - जैसलमेर में 31 (821 के स्थान पर 852) तथा भरतपुर में 26 बिंदु (854 के स्थान
पर 880) हुई।
जनगणना 2011 के अनुसार राज्य में कोई भी जिला ऐसा नहीं रहा
जिसमें लिंगानुपात 1000 या इससे अधिक हो। अब राज्य के सभी जिलों में लिंगानुपात 1000 से कम है, जबकि
जनगणना 2001 में ऐसे दो जिले डूंगरपुर (1022) व राजसमंद (1000) थे।
पश्चिमी, पूर्वी व उत्तरी जिलों में लिंगानुपात राज्य औसत 928 से कम है तथा मध्य राजस्थान व दक्षिण राजस्थान में लिंगानुपात
राज्य औसत (928)
से अधिक है। इस प्रकार राज्य के
आदिवासी जिलों में गैर-आदिवासी जिलों की तुलना में लिंगानुपात अधिक है।
राज्य के वे जिले जिनमें लिंगानुपात 2001 की तुलना
में 2011
कम हुआ है
डूंगरपुर - 1022 से 994 (28) कमी
उदयपुर - 971 से 958 (13)
जालौर - 964 से 952 (12)
राजसमंद - 1000 से 990 (10)
चुरू - 948 से 940 (8)
सीकर - 951 से 947 (4)
सिरोही - 943 से 940 (3)
डूंगरपुर जिले में लिंगानुपात में
सर्वाधिक गिरावट हुई है।
जनगणना 2001 में सिर्फ सिरोही ही एकमात्र जिला था जिसमें लिंगानुपात गिरा (949 से 943) था।
ग्रामीण लिंगानुपात-
राजस्थान में ग्रामीण क्षेत्रों में
राज्य की लगभग 75.1%
आबादी रहती है। इन क्षेत्रों में
लिंगानुपात की दृष्टि से स्रियों की स्थिति शहरी क्षेत्रों से अधिक ठीक है। राज्य
में ग्रामीण क्षेत्रों में लिंगानुपात 933 है।
सर्वाधिक ग्रामीण लिंगानुपात वाले
जिले - पाली (1003), राजसमंद (998), डूंगरपुर (996) एवं प्रतापगढ़ (984)
न्यूनतम ग्रामीण लिंगानुपात धौलपुर का 841 है।
शहरी क्षेत्रों में राज्य में
लिंगानुपात 914
है।
शहरी क्षेत्र में सर्वाधिक लिंगानुपात
वाले जिले - टोंक (985) बाँसवाड़ा (964), प्रतापगढ़
(963) एवं डूंगरपुर (951)
शहरी क्षेत्रों का न्यूनतम लिंगानुपात
जैसलमेर जिले का 807 है।
साक्षरता दर
(Literacy) जनगणना के तहत् 7 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्तियों में कितने प्रतिशत लोग पढ़-लिख
सकते हैं, उसे साक्षरता दर कहते हैं।7 वर्ष से कम आयु के सभी बच्चे निरक्षर माने जाते हैं।
राजस्थान में साक्षरता की स्थिति
कुल साक्षरता % पुरुष साक्षरता % स्त्री साक्षरता %
जनगणना-2011 66.1 79.20 52.1
जनगणना-2001 60.41 75.70 43.9
2011 में वृद्धि 5.69 3.50
8.2
राजस्थान की कुल साक्षरता दर में 1951से 2011 में (60 साल में) 6.6 गुना
वृद्धि हुई है।
1951 में कुल साक्षरता 8.50%, पुरुष
साक्षरता 13.88%
तथा स्त्री साक्षरता 2.66% थी।
2001-2011 के दशक में पिछले दशक की तुलना में स्त्री
साक्षरता व पुरुष साक्षरता में अंतर कम हुआ है। यह स्त्री साक्षरता में अधिक
वृद्धि को दर्शाता है।
सर्वाधिक कुल साक्षरता दर
वाले जिलेः
कोटा - 76.6 %
जयपुर -
75.5 %
झुंझुनूं - 74.1 %
सीकर - 71.9 %
अलवर -
70.7 %
सर्वाधिक पुरुष साक्षरता वाले जिले -
झुंझुनू -
86.9 %
कोटा -
86.3 %
जयपुर - 86.1 %
सीकर - 85.1 %
भरतपुर - 84.1 %
सर्वाधिक स्त्री साक्षरता वाले जिले -
कोटा - 65.9 %
जयपुर - 64.0 %
झुंझुनूं - 61.0 %
गंगानगर - 59.7 %
सीकर - 58.2 %
न्यूनतम साक्षरता दर वाले जिले:
न्यूनतम कुल साक्षरता
न्यूनतम पुरुष साक्षरता न्यूनतम स्त्री साक्षरता
जालोर - 54.9 प्रतापगढ़ - 69.5 जालोर - 38.5
सिरोही - 55.3 बाँसवाड़ा - 69.5 सिरोही - 39.7
प्रतापगढ़ - 56.0 सिरोही - 71.0 जैसलमेर - 39.7
बाँसवाड़ा - 56.3 जालौर - 70.7 बाड़मेर -
40.6
बाड़मेर - 56.5
बाड़मेर - 70.9 प्रतापगढ़ -
42.40
साक्षरता दर में सर्वाधिक वृद्धि वाले जिले - (वर्ष 2001 से 2011 के दौरान)
डूंगरपुर जिले में 10.9% ,
बाँसवाड़ा में 10.8%,
भीलवाड़ा 10.7%,
टोंक में 9.6%
जोधपुर में 9.2%
साक्षरता दर में गिरावट - राज्य के बाड़मेर एवं चुरू जिले ऐसे हैं
जिनमें इस दशक (2001-11)
में साक्षरता दर में गिरावट आई
है।
बाड़मेर में 2.5% (59-56.5%) कम हुई है
चुरू में 0.8% (67.6-66.8) कम हुई है।
उदयपुर जिले में इन वर्षों में साक्षरता दर में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है
पुरुष साक्षरता दर में सर्वाधिक कमी बाड़मेर में 1.9% एवं चुरू में 1.5% हुई है।
महिला साक्षरता दर में सर्वाधिक वृद्धिः
बाड़मेर एवं चुरू के जिनमें कि इस बार
महिलाओं में साक्षरता की दर 2001 की तुलना
में कम हुई है।
बाड़मेर में 2.8% एवं चुरू में 0.4% कम हुई है।
महिला साक्षरता दर में सर्वाधिक वृद्धि
हुई-
डूंगरपुर में 14.4%,
बाँसवाड़ा में 13.9%,
भीलवाड़ा में 13.8%,
जोधपुर एवं टोंक में 13.2%
ग्रामीण साक्षरता दरः
राजस्थान ग्रामीण क्षेत्रों की साक्षरता
दर 2011 में 61.4% रही है।
सर्वाधिक ग्रामीण साक्षरता दर वाला जिला
-
झुंझुनूं (73.4%)
सीकर (70.8%),
कोटा (68.6%),
धौलपुर (68.1%),
अलवर (67.9%),
भरतपुर (67.9%)
न्यूनतम ग्रामीण साक्षरता जिले -
सिरोही (49%),
प्रतापगढ़ (53.2%),
जालौर (53.3%)
जैसलमेर (53.8%)
शहरी साक्षरताः
राज्य में शहरी क्षेत्रों की कुल
साक्षरता दर 79.7%
है
सर्वाधिक शहरी साक्षरता वाले जिले -
उदयपुर (87.5%)
बाँसवाड़ा (85.2%),
प्रतापगढ़ (84.8%)
डूंगरपुर (84.4%)
0-6 आयु वर्ग में जनसंख्या व लिंगानुपात
2011 की जनगणना में राजस्थान में 0-6 आयुवर्ग के बच्चों की जनसंख्या कुल आबादी का 15.54% है।
0-6 आयु वर्ग की जनसंख्या का सर्वाधिक अनुपात वाले जिले -
जैसलमेर में 19.47%, बाड़मेर में 19.26% तथा बाँसवाड़ा 18.10%
0-6 आयु वर्ग की जनसंख्या का न्यूनतम अनुपात वाले जिले -
श्रीगंगानगर में 12.97%, कोटा में 13.07% एवं हनुमानगढ़ 13.20% है।
0-6 आयु वर्ग में शिशु लिंगानुपात:
2011 में संपूर्ण राजस्थान में 888 रह गया है जो 2001 में 909 था।
इसमें अत्यधिक गिरावट का एक प्रमुख कारण
कन्या शिशुओं की भ्रूण हत्या होना है।
केवल तीन जिले ऐसे हैं जिनमें इस दशक में शिशु लिंगानुपात कुछ बढ़ा है, ये हैं- श्रीगंगानगर (850 से 854), हनुमानगढ़ (872 से 878) एवं
जैसलमेर (869 से 874)।
शेष सभी 30
जिलों में शिशु लिंगानुपात 2001 की तुलना में कम हुआ है।
शिशु लिंगानुपात में सर्वाधिक गिरावट
वाले जिले -
2001 2011
दौसा 906 865 = 41 कमी
जयपुर 899 861 = 38 कमी
सीकर 885 848 = 37 कमी
टोंक 927 892 = 35 कमी
0-6 आयु वर्ग में न्यूनतम शिशु लिंगानुपात वाले जिले - झुंझुनूं में 837, सीकर में 848, करौली में 852 श्रीगंगानगर में 854 व धौलपुर
में 857 है।
राज्य के ग्रामीण इलाकों में शिशु
लिंगानुपात 892
है (2001 में लिंगानुपात 914 )
सर्वाधिक ग्रामीण शिशु लिंगानुपात - बाँसवाड़ा में 937, प्रतापगढ़ में 936 एवं उदयपुर
व भीलवाड़ा दोनों में 933 है।
न्यूनतम ग्रामीण शिशु लिंगानुपात - झुंझुनूं में 832 एवं सीकर में 843 है।
शहरी क्षेत्रों में शिशु लिंगानुपात (0-6 आयु) 874 है (2001 के 887 से 13 कम)
सर्वाधिक शहरी शिशु लिंगानुपात वाले
जिले- नागौर (907), बीकानेर (906), भीलवाड़ा (904) एवं बाराँ (901)
न्यूनतम शहरी शिशु लिंगानुपात वाले
जिले- धौलपुर (841), गंगानगर (842), दौसा (847) व अलवर (851)
राज्य के 33 में से 21 जिलों में
शहरी शिशु लिंगानुपात 2011 में कम हुआ
है।
सर्वाधिक गिरावट टोंक में 48, सवाईमाधोपुर में 38 तथा दौसा व
सीकर में 33 दर्ज की गई है।
राज्य के 12 जिलो में शहरी शिशु लिंगानुपात में वृद्धि भी दर्ज की गई है।
सर्वाधिक वृद्धि गंगानगर में 28 (814-842), प्रतापगढ़ में 22 (876-898) एवं जैसलमेर में 21 (860-881) दर्ज हुई है।
ग्रामीण जनसंख्या
कुल जनसंख्या का - 75.1%
(75.13%)
सर्वाधिक जनसंख्या संख्या में - जयपुर
सर्वाधिक जनसंख्या अनुपात में -
डूंगरपुर (93.6%)
न्यूनतम जनसंख्या संख्या में - जैसलमेर
न्यूनतम जनसंख्या अनुपात में - कोटा (39.7%)
दशकीय वृद्धि दर (2001-11) - 19.0%
सर्वाधिक दशकीय वृद्धि दर - जैसलमेर (34.5%)
न्यूनतम दशकीय वृद्धि दर - कोटा (6.1%)
लिंगानुपात - 933
सर्वाधिक लिंगानुपात - पाली (1003)
न्यूनतम लिंगानुपात - धौलपुर (841)
कुल साक्षरता दर - 61.4%
सर्वाधिक कुल साक्षरता दर - झुंझुनूं (73.4%)
न्यूनतम कुल साक्षरता दर - सिरोही (49%)
पुरुष साक्षरता दर - 76.2%
सर्वाधिक पुरुष साक्षरता दर - झुंझनूं (86.8%)
न्यूनतम पुरुष साक्षरता दर - सिरोही (64.6%)
महिला साक्षरता दर - 45.8%
सर्वाधिक महिला साक्षरता दर - झुंझुनूँ (59.8%)
न्यूनतम महिला साक्षरता दर - सिरोही (32.7%)
0-6 आयु वर्ग की जनसंख्या का अनुपात - 16.3%
0-6 आयु वर्ग की जनसंख्या का सर्वाधिक अनुपात - जैसलमेर (20.2%)
0-6 आयु वर्ग की जनसंख्या का न्यूनतम अनुपात - गंगानगर व हनुमानगढ़
(13.4%)
0-6 आयु वर्ग की जनसंख्या का लिंगानुपात - 892
0-6 आयु वर्ग की जनसंख्या में सर्वाधिक लिंगानुपात - बाँसवाड़ा (937)
0-6 आयु वर्ग की जनसंख्या में न्यूनतम लिंगानुपात - झुंझुनूं (832)
शहरी जनसंख्या
कुल जनसंख्या - 24.9%
(24.87%)
सर्वाधिक जनसंख्या संख्या में - जयपुर
सर्वाधिक जनसंख्या अनुपात में - कोटा (60.30%)
-
न्यूनतम जनसंख्या संख्या में - प्रतापगढ़
न्यूनतम जनसंख्या अनुपात में - डूंगरपुर (6.7%)
दशकीय वृद्धि दर (2001-11) - 29.0%
सर्वाधिक दशकीय वृद्धि दर - अलवर (50.5%)
न्यूनतम दशकीय वृद्धि दर - डूंगरपुर (9.8%)
लिंगानुपात - 914
सर्वाधिक लिंगानुपात - टोंक (985)
न्यूनतम लिंगानुपात - जैसलमेर (807)
कुल साक्षरता दर -79.7%
सर्वाधिक कुल साक्षरता दर - उदयपुर (87.5%)
न्यूनतम कुल साक्षरता दर - नागौर (70.6%)
पुरुष साक्षरता दर - 87.9%
सर्वाधिक पुरुष साक्षरता दर - उदयपुर (93.4%)
न्यूनतम पुरुष साक्षरता दर - धौलपुर (81.3%)
महिला साक्षरता दर - 70.7%
सर्वाधिक महिला साक्षरता दर - उदयपुर (81.2%)
न्यूनतम महिला साक्षरता दर - जालौर (56.9%)
0-6 आयु वर्ग की जनसंख्या का अनुपात - 13.1%
0-6 आयु वर्ग की जनसंख्या का सर्वाधिक अनुपात - धौलपुर व करौली (15.3%)
0-6 आयु वर्ग की जनसंख्या का न्यूनतम अनुपात - उदयपुर (11%)
0-6 आयु वर्ग की जनसंख्या का लिंगानुपात - 874
0-6 आयु वर्ग की जनसंख्या में सर्वाधिक लिंगानुपात - नागौर (907)
0-6 आयु वर्ग की जनसंख्या में न्यूनतम लिंगानुपात - धौलपुर (841)
अनुसूचित जाति (SC) एवं अनुसूचित जनजाति
(ST) जनसंख्या
अनुसूचित जाति (SC)
वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार
राजस्थान में अनुसूचित जाति की जनसंख्या राज्य की संपूर्ण जनसंख्या का 17.83% है।
2010-11 के दशक में
अनुसूचित जाति की जनसंख्या में 26.1% वृद्धि दर्ज की गई
है।
अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 2011राज्य की कुल जनसंख्या का 13.48% (या 13.5%) है।
अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या में 2001-2011 के दशक में 30.2% वृद्धि हुई है।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति की जनगणना के विस्तृत
आँकड़े
अनुसूचित जाति
अनुसूचित जनजाति
जनसंख्या
कुल जनसंख्या से
अनुपात 17.83%
13.48%
2001-11 के दशक में वृद्धि
दर 26.1%
30.2%
सर्वाधिक जनसंख्या वाले जिले - जयपुर (10.03 लाख), उदयपुर (15.25 लाख), गंगानगर (7.20. लाख), बाँसवाड़ा (13.73 लाख)
सर्वाधिक अनुपात (%) वाले जिले - गंगानगर (36.6%), बाँसवाड़ा (76.4%), हनुमानगढ़ (27.8%) , डुंगरपुर (70.8%)
न्यूनतम जनसंख्या वाले जिले - डूंगरपुर (52,267), बीकानेर (7,779), प्रतापगढ़ (60,429), नागौर (10418)
न्यूनतम अनुपात (%) वाले जिले - डुंगरपुर (3.8%), बीकानेर (0.3%), बाँसवाड़ा (4.5%), नागौर (0.3%)
लिंगानुपात
923
948
सर्वाधिक लिंगानपात
राजसमन्द (982) डूंगरपुर (1000)
न्यूनतम लिंगानुपात
धौलपुर (863)
धौलपुर (842)
जनगणना-2011 राजस्थान राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में
राजस्थान में भारत की जनसंख्या का
प्रतिशत - 5.66
प्रतिशत है
न्यूनतम जनसंख्या वाला राज्य - सिक्किम
- 610577
(0.50%)
सर्वाधिक जनसंख्या वाला केन्द्र शासित
प्रदेश - दिल्ली (1.68 करोड़)
न्यूनतम जनसंख्या वाला केन्द्र शासित प्रदेश - लक्षद्वीप (64,473)
दशकीय वृद्धि दर -
भारत की दशकीय वृद्धि दर - 17.7%
देश में सर्वाधिक दशकीय वृद्धि दर वाले
राज्य - मेघालय -27.9% , अरुणाचल
प्रदेश 26%
देश में सर्वाधिक दशकीय वृद्धि दर वाले
केन्द्र शासित प्रदेश - दादरा व नगर हवेली - 55.9%
न्यूनतम दशकीय वृद्धि दर - नागालैण्ड (-0.6%), केरल (4.9%)
नागालैण्ड देश का एकमात्र राज्य है जहाँ
2001-2011 के दशक में जनसंख्या वृद्धि दर ऋणात्मक रही
है अर्थात् नागालैण्ड राज्य की जनसंख्या 2001 के मुकाबले
2011 में कम हुई है।
भारत का लिंगानुपात - 943
राजस्थान का लिंगानुपात - 928
लिंगानुपात की दृष्टि से राजस्थान का
स्थान- 22वाँ
पड़ोसी राज्यों में मध्यप्रदेश (931) को छोड़कर सर्वाधिक लिंगानुपात राजस्थान का है। राजस्थान के
अन्य पड़ोसी राज्यों में लिंगानुपात - हरियाणा में 879, पंजाब 895, उत्तरप्रदेश
में 912 व गुजरात में 919 है।
देश में सर्वाधिक लिंगानुपात - केरल (1084) व तमिलनाडु (996), पुड्डुचेरी (1037) देश में न्यूनतम लिंगानुपात वाला
केन्द्रशासित प्रदेश - दमन व दीव (618)
देश में न्यूनतम लिंगानुपात वाला राज्य
- हरियाणा (879),
जम्मू-कश्मीर (889)
12 राज्यों/ UTs का
लिंगानुपात राजस्थान से कम है तथा 21 राज्यों का
राजस्थान से अधिक है।
भारत का घनत्व पर - 382
राजस्थान का घनत्व - 200
घनत्व की दृष्टि से राजस्थान का स्थान - 19वाँ
सर्वाधिक घनत्व केन्द्र शासित क्षेत्र -
दिल्ली (11320)
सर्वाधिक घनत्व वाले राज्यः बिहार (1106) पश्चिमी बंगाल (1028)
न्यूनतम घनत्व - अरुणाचल प्रदेश (17)
राजस्थान के समस्त पड़ौसी राज्यों का घनत्व
राजस्थान से अधिक है। मध्यप्रदेश का 236, गुजरात का 308, हरियाणा का
573, पंजाब का 552 व उत्तरप्रदेश कां घनत्व 829 है।
केवल 9 राज्यों/UTs का घनत्व
राजस्थान से कम है।
साक्षरता
भारत राजस्थान
कुल साक्षरता
- 73.0 66 66.1
पुरुष साक्षरता - 80.9 79.2
महिला साक्षरता - 64.6 52.1
सर्वाधिक कुल साक्षरता, पुरुष साक्षरता, महिला
साक्षरता वाला राज्य - केरल (कुल साक्षरता 94%, महिला
साक्षरता (92.1%,पुरुष साक्षरता 96.10%)
न्यूनतम कुल साक्षरता, पुरुष साक्षरता, महिला
साक्षरता वाला राज्य - बिहार
इस बार राजस्थान देश के औसत की तुलना
में साक्षरता के प्रत्येक क्षेत्र में पीछे है। कुल साक्षरता के मामले में
राजस्थान से पीछे है - केवल बिहार (61.8%) व अरुणाचल
प्रदेश (65.4%) पुरुष साक्षरता में केवल 9 राज्य ही राजस्थान से पीछे है - जम्मू व कश्मीर (76.8%), उत्तरप्रदेश (77.3%), बिहार (71.2) अरुणाचल प्रदेश (72.6%), मेघालय (76.0%), आसाम (77.8%),झारखण्ड (76.8%), मध्यप्रदेश
(78.7%) तथा आंध्रप्रदेश (74.9%) व तेलंगाना
महिला साक्षरता के मामले में राजस्थान
देश में नीचे से दूसरे स्थान पर है। बिहार की महिला साक्षरता दर 51.1% है तथा बिहार सबसे नीचे पायदान पर है।
देश में सर्वाधिक आबादी वाला जिला- थाणे
(महाराष्ट्र) (1.11
करोड़)
देश में न्यूनतम आबादी वाला जिला-
दिबांग घाटी (अरुणाचलप्रदेश)
पंचायत, नगर पालिका
कानून में संशोधन
सरकार द्वारा सन् 1992 में दो से अधिक बच्चों वाले दम्पत्तियों के पंचायती राज
संस्थाओं व नगरपालिकाओं के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यदि चुने जाने
के बाद वे उपरोक्त निर्योग्यता प्राप्त करते हैं तो उन्हें संबंधित पद धारण के
लिये अयोग्य घोषित किया जाता है
सरकारी कर्मचारियों के लिए बाध्यता
20 जून, 2001 को राज्य
सरकार ने अधिसूचना जारी कर 1 जून, 2002 से दो से अधिक बच्चे वाले अभ्यर्थी को
सरकारी सेवा में नियुक्ति के लिये अपात्र घोषित किया है। इस तिथि के पश्चात दो से
अधिक बच्चे होने पर कर्मचारी की पदोन्नति पर देय तिथि से 5 वर्षों तक विचार नहीं किया जायेगा। 1 जून, 2002 या इसके
बाद पैदा हुए जुडवाँ बच्चों को इस उद्देश्य हेतु एक इकाई ही माना जायेगा। आदेश
दिनांक 4 अक्टूबर, 2001 द्वारा जून, 2002 के बाद
चौथा बच्चा पैदा करने वाले राज्य कर्मचारी व अधिकारियों को तुरंत अनिवार्य
सेवामुक्ति दे दी जायेगी।
राज्य मंत्रीमण्डल ने 3 नवम्बर, 2015 को पुनः
विवाह करने की स्थिति में दूसरे जीवन साथी से राज्य कर्मचारी को तीसरी संतान पैदा
करने की छूट दी है। अप्रैल, 2016 में सरकार
ने घोषणा की है कि राज्य कर्मचारियों को तीसरी संतान होने पर राजस्थान सिविल
सर्विस (Conduct)
रूल्स, 1971 के तहत् दिये जाने वाले दण्ड से मुक्ति
प्रदान की जाएगी।
राज्य जनसंख्या
नीति का लोकार्पण 20 जनवरी, 2000 को किया गया। इस नीति के माध्यम से राज्य में
छोटे व खुशहाल परिवार का लक्ष्य प्राप्त हो सकेगा व जनसंख्या पर कठोर नियंत्रण
स्थापित किया जा सकेगा।
राजस्थान आन्ध्रप्रदेश के बाद देश में
दूसरा राज्य है जिसने स्वयं की जनसंख्या नीति घोषित की है।
राजस्थान में सर्वाधिक आबादी वाले शहर -
जयपुर , जोधपुर , कोटा , बीकानेर , अजमेर ,उदयपुर , भीलवाड़ा
देश में सर्वाधिक आबादी वाले शहर-
मुम्बई- 1.84 करोड़,
नई दिल्ली-1.63 करोड़ व
कोलकात्ता-1.41 करोड़
2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान के 1 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहर 29 हैं
जयपुर जनसंख्या के हिसाब से देश का 10वाँ बड़ा शहर हो गया है, जोधपुर 43वाँ एवं कोटा 46वाँ ऐसा
शहर है।
राजस्थान में 10 लाख से अधिक जनसंख्या (मिलियन प्लस आबादी) वाले तीन शहर- जयपुर, जोधपुर एवं कोटा हैं
5 लाख से अधिक आबादी वाले 5 शहर- जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर एवं अजमेर है।
देश में 10 लाख से अधिक आबादी वाले 46 शहर हैं।
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