धौलपुर



राजस्थान में दो जाट रियासतें थीं  भरतपु व धौलपुर। 
1782 ई.के लगभग जाट (राना) शासक कीरत सिंह ने धौलपुर क्षेत्र पर अधिकार कर अपना शासन स्थापित किया। 
धौलपुर शहर की स्थापना तोमर वंश के शासक धवलदेव द्वारा 11वीं शती में की मई।
यह राज्य का सबसे पूर्वी जिला है।
यह15 अप्रैल, 1982 को राज्य का 27वाँ जिला बना । 
यहाँ का लाल पत्थर (धौलपुर स्टोन) रैड डायमंड के नाम से जाना जाता है। 
धौलपुर का प्रसिद्ध युद्ध कहा जाता है सामूगढ़ का युद्ध, जो 'रा-का-चबूतरा' जगह पर लड़ा गया था। यह युद्ध औरंगजेब व उसके बड़े भाई दारा शिकोह की सेना के मध्य 1658 में उत्तराधिकार के लिए लड़ा गया जिसमें औरंगजेब की विजय हुई थी।

सैपऊ महादेव 
पार्वती नदी किनारे सैपऊ कस्बे के पास स्थित शिव मंदिर। 

महाकालेश्वर मंदिर 
सरमथुरा कस्बे में है  इस मंदिर में भाद्रपद शुक्ला सप्तमी से चतुर्दशी तक विशाल मेला भरता है।
सरमथुरा कस्बे की स्थापना 1327 ई. के लगभग पालवंश के अर्जुन देव ने की थी।
मचकुण्ड तीर्थ
यह हिन्दु तीर्थ स्थल है। इसे सब तीर्थों का भान्जा कहा गया है जो गंधमादन पर्वत पर स्थित है। मान्यता है कि मचकुण्ड में स्नान से चर्मरोग दूर हो जाते हैं। सिक्खों के 10वें व अंतिम धर्मगुरु गुरु गोविंद सिंह 4 मार्च, 1662 को ग्वालियर से आते समय यहाँ ठहरे थे। उन्होंने यहाँ तलवार के एक ही वार से एक दुर्दान्त शेर का शिकार किया था। उनकी स्मृति में यहाँ शेर शिकार गुरुद्वारा बना हुआ है। यहाँ प्रतिवर्ष भादों सुदी षष्ठमी को मेला (देवछठ का मेला) लगता है। 

राधा बिहारी मंदिर 
धौलपुर कस्बे में धौलपुर पैलेस के पास स्थित भव्य मंदिर। 

लासवाड़ी 
यह धौलपुर का एक ऐतिहासिक स्थान है जहाँ सन् 1803 में दौलत राव सिंधिया को लॉर्ड लेक ने हराकर
उसकी हत्या कर दी थी। यहाँ दमोह जलप्रपात व मुगल बाग भी है।

खानपुर महल (कानपुर महल) 
यह मुगल बादशाह शाहजहाँ का आरामगाह (pleasure house) था। इसके पास ही तालाब ए शाही
झील है इनका निर्माण सन् 1622 ई. में जहाँगीर के मनसबदार साले खान ने शाहजहाँ हेतु कराया था।

हुनहुँकार तोप
सिंह मुखाकृति में अष्ट धातु की है इस तोप का निर्माण धौलपुर के प्रथम शासक महाराज कीरत सिंह ने
करवाया था। इसे कुशल कारीगर श्री सीताराम ने तैयार किया था। 

निहाल टावरस 
यह भारत का सबसे बड़ा घंटाघर है। यह शहर का 8 मंजिला घंटाघर है, जिसका निर्माण सन् 1880 ई. में राजा निहालसिंह ने प्रारंभ किया था जो 1910 ई. में महाराजा रामसिंह के काल में पूर्ण हुआ। इसकी घड़ी का निर्माण इंग्लैण्ड में हुआ था। 

तालाबशाही 
बाड़ी तहसील में फिरोजशाह द्वारा निर्मित्त झील है, जिसके किनारे सम्राट जहाँगीर के शहजादे खुर्रम
(शाहजहाँ) के लिए उसके मनसबदार सालेखान द्वारा निर्मित्त खानपुर महल हैं। 

दमोह जलप्रपात 
सरमथुरा कस्बे से 28 किमी. दूर एवं बाड़ी कस्बे से 33 किमी दूर सोने के गुर्जा के पास स्थित यह प्राकृतिक जलप्रपात है। 

गजरा का मकबरा 
धौलपुर शहर के बीच नृसिंह बाग में स्थित है इसे धौलपुर रियासत के राजा भगवंत सिंह (1836-73) ने अपनी प्रेमिका गजरा की याद में बनवाया। 

जुबली हॉल 
इसे  धौलपुर के तत्कालीन महाराजा उदयभान सिंह ने किंग जार्ज पंचम की सिल्वर जुबली के उपलक्ष्य में सन् 1935 में बनवाया था। 

अन्य स्थल 
राज्य की एक मात्र नैरोगेज ट्रेन (छोटी लाइन),
बीबी जरीना का आकर्षक मकबरा
कमल के फूल का बाग
लम्बी बावड़ी
शिकार बाग
देवहंसगढ़
वन विहार
रामसागर वन्य जीव अभ्यारण्य
पार्वती बाँध
मजरा-ए-गजरा
केसरबाग पैलेस
मौनी बाबा की मजार
सिटी पैलेस (राजविलास पैलेस),
गुमट किला (बाड़ी)
बाड़ी किला
जार जरीना मस्जिद 
चौपड़ा महादेव मंदिर व बावड़ी आदि।




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Milan Tomic

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