भारत का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य - 'राजस्थान है। यह देश के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है।
इस मरु प्रधान प्रदेश को समय-समय पर विभिन्न नामों से पुकारा जाता रहा है। महर्षि वाल्मिकी ने इस भू-भाग के लिए 'मरुकान्तार' शब्द का प्रयोग किया है।
राजस्थान शब्द का प्राचीनतम प्रयोग हुआ है - वसंतगढ़ (सिरोही) के शिलालेख मे, वसंतगढ़ शिलालेख मे राजस्थान को ‘राजस्थानीयादित्य’ कहा गया है इसके बाद 'राजस्थान' शब्द का प्रयोग हुआ है – मुहणोत नैणसी री ख्यात' एवं 'राजरूपक' ग्रंथों में
राजपूती राज्यों का उदय हुआ -छठी शताब्दी में राजपूत राज्यों की प्रधानता के कारण ही कालान्तर में इस सम्पूर्ण भू-भाग को राजपूताना' कहा जाने लगा।
राजस्थानी भू-भाग के लिए 'राजपूताना' शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किया - सन् 1800 ई. में जॉर्ज थॉमस ने
इस प्रदेश को रायथान' कहा - कर्नल जेम्स टॉड ने ।क्योंकि उस समय स्थानीय बोलचाल एवं लौकिक साहित्य में राजाओं के निवास के प्रांत को 'रायथान' कहते थे। कर्नल जेम्स टॉड पश्चिमी एवं मध्य भारत के राजपूत राज्यों का पॉलिटिकल एजेन्ट था।
ब्रिटिशकाल में यह प्रांत 'राजपूताना' या रजवाड़ा' के नाम से पुकारा जाता था। ब्रिटिशकाल में अजमेर व आस-पास का भू-भाग अजमेर-मेरवाड़ा नाम से पुकारा जाता था।
इस भौगोलिक भू-भाग के लिए राजस्थान' (Rajasthan) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किया - कर्नल जेम्स टॉड ने।1829 में लंदन में प्रकाशित कृति 'Annals and Antiquities of Rajasthan' या Central and Western Rajpoot States of India में ।
इस संपूर्ण भौगोलिक प्रदेश का नाम 'राजस्थान' स्वीकार किया गया - 26 जनवरी, 1950 को।
अजमेर-मेरवाड़ा क्षेत्र इसमें शामिल किया गया - नवम्बर, 1956 को स्वतंत्रता के बाद 1950 तक अजमेर-मेरवाड़ा व आबू-दिलवाड़ा तहसीलों को छोड़कर सभी क्षेत्र राजस्थान में सम्मिलित हो गये थे।
उस समय अजमेर-मेरवाड़ा के प्रथम एवं एक मात्र मुख्यमंत्री श्री हरिभाऊ उपाध्याय थे।
राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में 1 नवम्बर, 1956 को आया।
राजस्थान निर्माण के
विभिन्न चरण
प्रथम
चरण -
मत्स्य संघ - 18 मार्च, 1948
शामिल होने वाली रियासतें
- भरतपुर, धौलपुर, करौली रियासत
ठिकाना - नीमराणा ठिकाना
द्वितीय
चरण - राजस्थान संघ - 25 मार्च, 1948
शामिल होने वाली
रियासतें - बाँसवाड़ा, बूंदी, डूंगरपुर, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़, टोंक, किशनगढ़ तथा
शाहपुरा रियासतें
ठिकाना - कुशलगढ़ ठिकाना
प्रदेश के नाम में
राजस्थान शब्द पहली बार जुड़ा।
तृतीय चरण - संयुक्त राजस्थान - 18
अप्रैल,
1948
राजस्थान संघ में उदयपुर
रियासत मिली।
चतुर्थ
चरण - वृहत् राजस्थान - 30 मार्च, 1949
संयुक्त राजस्थान शामिल
होने वाली रियासतें - जयपुर, जोधपुर, बीकानेर व
जैसलमेर।
राजस्थान का गठन माना
जाता है - 30 मार्च, 1949
प्रतिवर्ष 'राजस्थान दिवस' मनाया जाता है - 30 मार्च
राजस्थान के प्रथम
प्रधानमंत्री - हीरालाल शास्त्री बने ,7 अप्रैल, 1949 को |
(बाद में प्रथम मुख्यमंत्री बने )
पंचम चरण - संयुक्त वृहत्तर राज. 15 मई, 1949
वृहत् राजस्थान व मत्स्य
संघ का विलय हुआ।
षष्ठम
चरण - राजस्थान (संघ) - जनवरी,1950
संयुक्त वृहत्तर राजस्थान
में सिरोही रियासत का विलय हुआ। ( सिरोही की आबू व दिलवाड़ा तहसील को छोड़कर)
इस राज्य को विधिवत् रूप
से राजस्थान' नाम दिया गया - 26 जनवरी, 1950 को
सप्तम
चरण - राजस्थान - 1 नवम्बर, 1956
राजस्थान संघ + अजमेर-मेरवाड़ा
+ सिरोही की आबू-दिलवाड़ा तहसील व मध्य प्रदेश का सुनेलटप्पा राज्य में शामिल हुए।
राज्य के झालावाड़ जिले
के एक भाग सिरोंज क्षेत्र को मध्यप्रदेश में मिलाया गया।
Ok
जवाब देंहटाएंअम्बाजीfrom Gujraat, North Part of Neemach from MP, Mohindergarh from Haryana should be in Rajasthan and Bharatpur, Dhaulpur and Karauli to be excluded from Rajasthan.
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